लेखनी कहानी -17-Oct-2022 रामलीला व दशहरा (भाग 4 )
शीर्षक :- रामलीला व दशहरा
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सौनू ने नवरात्रौ की बात पूछने के बाद रामलीला के बिषय में भी पूछा था आज मै उसी का जिक्र कर रहा हूँ उसने उसके बाद वन त्रयोदशी के बिषय में पूछा था आज मै वही सब बताने जारहख हूँ।
सौनू को दादी की बातौ मे खूब आनन्द आरहा था कि कल से नवरात्रे मनायेगे। उसी समय रामलीला के लिए चन्दा मा़गने वालौ की एक टोली उनके घर आगयी सौनू की दादी ने भी चन्दा दिया।
जब वह लोग जब चन्दा लेकर चलेगये तब सौनू ने अपनी दादी से पूछा," दादी यह कौन लोग थे यह रुपये क्यौ माँग रहे थे ? "
सौनू की दादी बोली ," यह रामलीला के लिए चन्दा माँगने आये थे।"
सौनू बोला," दादी यह रामलीला क्या होती है। यह कैसे और क्यौ करते है इसमें क्या क्या होता है मुझे सब विसातिर से बताओ।
तब उसकी दादी बोली," सौनू बेटा तुमने रामायण के वारे में सुना है। रावण का नाम तो सुना होगा। "
सौनू बोला ," हाँ दादी हमारी टीचर कहरही थी कि अब दशहरा आर रहा है शहर मैं रावण जलाया जायेगा। दादी हम रावण क्यौ जलाते है ?"
उसकी दादी बोली," बेटा पहले अयौध्या मै एक राजा थे उनका नाम दशरथ था उनकी तीन रानिया कौशल्या कैकेयी व सुमित्रा थी उनके चार बेटे थे राम भरत लक्ष्मण व शत्रुघन ।एक बार राम व लक्ष्मण को विश्वामित्र मुनि अपनी यज्ञ की रक्षा के लिए माँगक र लेगये।
वहाँ से वह जनकपुरी गये और वहाँ पर उन्हौने धनुष तोड़कर सीताजी के साथ विवाह किया
वहाँ पर चारौ भाईयौ का विवाह होगया। उसके बाद दशरथ राम को अयोध्या का राजा बनाना चाहते थे परन्तु कैकयी ने दो बरदान में राम को चौदह बर्ष का बनवास और भरत के लिए राज्य माँग लिया।
फिर राम लक्ष्मण और सीता चौदह बर्ष तक बन में रहने चलेगये। भरत ने राज्य लेना स्वीकार नही किया वह राम को मनाने बन में गये थे परन्तु राम बापिस नहीं आये उसके बाद बन में रहते हुए रावण ने अपनी बहिन सूपणखाँ का बदलालेने के लिए राम की पत्नी सीता का धोके से हरण कर लिया।
एक बार सूपणखाँ राम लक्ष्मण के पास पंचवटी मे गयी वहाँ पर उसने छल किया और लक्ष्मण ने श्रीराम के इशारे से उसकी नाक व कान काट लिए थे। वह रोती हुई रावण के पास गयीथी।
इसके बाद राम ने हनुमान की सहायता से बालि को मारकर सुग्रीव से मित्रता की थी। हनुमानजी ने सीता की खोज की इसके बाद श्रारीम ने सागर पर सेतु बाँधा और लंका पर चढा़ई करदी।
श्रीराम ने सुग्रीव हनुमान जामवन्त अंगद व विभीषण की सहायता से रावण मेघनाद व कुम्भकर्ण का बध कर दिया। और सीता को लेकर अयोध्या बापिस चलेगये थे। लंका का राजा बिभीषण को दिया था।
इसी लिए नौ दिन तक रामलीला का आयोजन भी होता है दशमी को रावण मेघनाद व कुम्भकर्ण के पुतले बनाये जाते है उनमें पटाखे लगाते है फिर उन पुतलौ में आग लगा कर उनका दहन करते है।
इस तरह रावण आदि को मारकर बुराई पर अच्छाई की जीत पर दशहरा मनाया जाता है।
सौनू श्री राम लक्ष्मण सीता की कहानी सुनकर बहुत खुश हुआ।
30 Days Festival Competition हेतु रचना।
नरेश शर्मा " पचौरी "
20/10/2022
Gunjan Kamal
22-Oct-2022 12:27 AM
शानदार प्रस्तुति 👌🙏🏻
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Shnaya
21-Oct-2022 06:40 PM
शानदार
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Pratikhya Priyadarshini
20-Oct-2022 09:43 PM
Bahut sundar rachna 🌺👌
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